आज PM मोदी दुनिया के सबसे लंबे पुल धौला-सादिया का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन के साथ ही दुनिया कर भारत के इंजीनियरों का कमाल भी देखेगी।
असम में ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर बने 9.15 लम्बे इस पुल के चलते अब अरुणाचल और असम की दूरी बेहद कम हो गयी है। आइए आपके इस पुल की कुछ खूबियां बताते हैं। यह देश और एशिया का सबसे लंबा पुल है। इस पुल की लंबाई 9.15 किलोमीटर है। एशिया का यह सबसे लंबा पुल असम के जिला तिनसुकिया में बना है।
यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदी लोहित नदी पर बना है। यह पुल सादिया और धौला के बीच बना है। सादिया, असम में गुवाहाटी से 540 किलोमीटर दूर है, जबकि धौला अरुणाचल की राजधानी ईटानगर से 300 किलोमीटर दूर है।
इस पुल से असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच की दूरी को कम होगी। अब तक अरुणाचल जाने के दूसरे सड़क रास्ते से 8 घंटे का वक़्त लगता था और नाव से 4 घंटे का समय लगता था। लेकिन इस पुल के बनने से यह दूरी केवल 30 मिनेट में पूरी कर ली जा सकेगी यानी कम से कम 4 घंटे की सीधी बचत। इस ब्रिज के ऊपर से 60 टन का लड़ाकू टैंक बड़ी आसानी से लेकर जाया जा सकता है।
चीन की सीमा से सिर्फ 100 किलीमोटर ही दूर है। इस पुल को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि इस पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां चल सके ताकि तेज आवाजाही हो पाए।
यह पुल 8 रिएक्टर स्केल के भूकंप को भी सहन करने में सक्षम है|
इस पुल के बनने के बाद पूर्वोत्तर भारत में विकास को पंख लगेंगे, क्योंकि अब तक इस इलाके में कोई भी पुल नहीं है। इस पुल की शुरुआत साल 2011 में हुई थी जिसके लिए तय बजट 876 करोड़ था। इसे साल 2015 में पूरा कर लिया जाना था, लेकिन 2017 में पूरा हुआ। करीब 1000 करोड़ में बनकर तैयार हुआ है.
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