श्रीलंका में भीषण बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 151 पर पहुंच गई जबकि मौसम में सुधार होने और बाढ़ का पानी घटने से राहत एवं बचाव कार्य ने तेजी आयी है। वर्ष 2003 के बाद की सबसे ज्यादा मूसलाधार बारिश के कारण करीब पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
श्रीलंका ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग मांगा है। भारत पहला देश है जिसने आपातकालीन राहत सामग्री के साथ नौसेना के तीन जहाजों को श्रीलंका के लिए रवाना किये। कल यहाँ भारत का पहला जहाज पहुंचा। दूसरा भारतीय पोत -- आईएनएस शार्दूल -- कोलंबो पहुंचा और तीसरे जहाज के कल पहुंचने की उम्मीद है। श्रीलंका के विदेश मंत्री रवि करूणानायक ने पोत का स्वागत किया।
आपदा केन्द्र के अनुसार बाढ़ से 151 लोग मारे गए हैं और 111 अब भी लापता हैं। वहीं 24,603 परिवारों के 1,01,638 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। मौसम विभाग ने कहा, ‘‘हालांकि अस्थायी तौर पर अभी भारी बारिश कम हो गई है लेकिन 29 मई से दक्षिण पश्चिमी भाग में और तेज बारिश होने की स्थितियां बन सकती हैं।
श्रीलंका के तीनों बलों के जवान जिनमें सेना के एक हजार से ज्यादा जवान शामिल हैं राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
इस बीच विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय तलाश एवं बचाव सलाहकार समूह आईएनएसएआरएजी तथा पड़ोसी देशों से सहयोग की अपील की है।पड़ोसी मुल्क में आई भीषण आपदा में तत्काल मदद का हाथ बढ़ाने वाला भारत पहला देश है। उसने श्रीलंका की सहायता के लिए आपात आपूर्ति के साथ नौसेना के तीन जहाज भेजे हैं।
आईएनएस किर्च को बाढ़ राहत अभियानों में तत्काल सहायता के लिए कोलंबो भेजा गया है वहीं आईएनएस शार्दुल और आईएनएस जलाश्व खाद्य पदार्थ, पानी और दवाइयां ने कर यहां केे लिए रवाना हो चुका है। -(एजेंसी)
Monday 29 May 2017
श्रीलंका में बाढ़ से तबाही
Friday 26 May 2017
यह है देश का सबसे लंबा पुल
आज PM मोदी दुनिया के सबसे लंबे पुल धौला-सादिया का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन के साथ ही दुनिया कर भारत के इंजीनियरों का कमाल भी देखेगी।
असम में ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर बने 9.15 लम्बे इस पुल के चलते अब अरुणाचल और असम की दूरी बेहद कम हो गयी है। आइए आपके इस पुल की कुछ खूबियां बताते हैं। यह देश और एशिया का सबसे लंबा पुल है। इस पुल की लंबाई 9.15 किलोमीटर है। एशिया का यह सबसे लंबा पुल असम के जिला तिनसुकिया में बना है।
यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदी लोहित नदी पर बना है। यह पुल सादिया और धौला के बीच बना है। सादिया, असम में गुवाहाटी से 540 किलोमीटर दूर है, जबकि धौला अरुणाचल की राजधानी ईटानगर से 300 किलोमीटर दूर है।
इस पुल से असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच की दूरी को कम होगी। अब तक अरुणाचल जाने के दूसरे सड़क रास्ते से 8 घंटे का वक़्त लगता था और नाव से 4 घंटे का समय लगता था। लेकिन इस पुल के बनने से यह दूरी केवल 30 मिनेट में पूरी कर ली जा सकेगी यानी कम से कम 4 घंटे की सीधी बचत। इस ब्रिज के ऊपर से 60 टन का लड़ाकू टैंक बड़ी आसानी से लेकर जाया जा सकता है।
चीन की सीमा से सिर्फ 100 किलीमोटर ही दूर है। इस पुल को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि इस पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां चल सके ताकि तेज आवाजाही हो पाए।
यह पुल 8 रिएक्टर स्केल के भूकंप को भी सहन करने में सक्षम है|
इस पुल के बनने के बाद पूर्वोत्तर भारत में विकास को पंख लगेंगे, क्योंकि अब तक इस इलाके में कोई भी पुल नहीं है। इस पुल की शुरुआत साल 2011 में हुई थी जिसके लिए तय बजट 876 करोड़ था। इसे साल 2015 में पूरा कर लिया जाना था, लेकिन 2017 में पूरा हुआ। करीब 1000 करोड़ में बनकर तैयार हुआ है.
Subscribe to:
Posts (Atom)
यदि यह लड़की बॉलीवुड में आयी तो कर देगी सबकी छुट्टी ?
यह एक फिटनेस ट्रेनर हैं और मॉडलिंग भी करती हैंl इन दिनों इंटरनेट पर एक लड़की की तस्वीर काफी वायरल हो रही, जो हैदराबाद की रहनी वाली है...
-
यह एक फिटनेस ट्रेनर हैं और मॉडलिंग भी करती हैंl इन दिनों इंटरनेट पर एक लड़की की तस्वीर काफी वायरल हो रही, जो हैदराबाद की रहनी वाली है...
-
भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर बुरी तरह धो डाला। पाकिस्तान पूरे मैच में कही भी लय नहीं दिखी। Match के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ...